नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पागलखाने में दिमागी रुप से स्वस्थ होने के बावजूद रह रहे लोगों की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सरकार इन लोगों के पुनर्वास के लिए गाइडलाइन जारी करे।
मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार को आदेश देते हुए कहा, ‘यह बेहद संवेदनशील मसला है। केंद्र सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। पागलखाने में दाखिले के बाद कोई भी व्यक्ति की देखभाल करने वाला कोई नहीं होता है। यहां तक की अगर वह स्वस्थ हो जाता है तो भी उसे घर वापस लेने के लिए कोई नहीं आता है। केंद्र सरकार को ऐसे लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था करनी होगी।’
इस मामले में केंद्र सरकार की तरफ से सोलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा कि फिलहाल ऐसे लोगों के लिए कोई प्रावधान नहीं है, और सरकार को इस मामले में नियम बनाने के लिए 8 हफ्ते का समय चाहिए। [एजेंसी]
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