Quantcast
Channel: Tez News
Viewing all articles
Browse latest Browse all 10573

इस मंदिर में पीड़ितों को मिलता है तुरंत न्याय

$
0
0

किंवदंती है कि पोखू देवता के दरबार आए पीड़ित लोगों को हाथों-हाथ न्याय मिलता है। न्याय की आस में पोखू दरबार आए लोगों को मंदिर के कुछ नियम-कायदों का पालन करना होता है।

कहते हैं पोखू देवता किसी को भी निराश नहीं करते। इस मंदिर में पूजा-पाठ की विधि भी अनूठी है। हिमालय पर्वत से निकली रुपीण और सुपीण नदी के संगम पर स्थित नैटवाड़ के पोखू मंदिर में पूरे साल यह क्रम चलता है।

मंदिर के बारे में विशेष तथ्य

– पोखू देवता का यह मंदिर उत्तरांखड के उत्तरकाशी जिले के क्षेत्र के नैटवाड़ में मौजूद है।

– पोखू देवता के दरबार में दर्जनों लोग रोजाना अपनी फरियाद लेकर आते हैं।

– मंदिर में भक्त अमूमन जमीन-जायजात के विवाद के साथ अपनी तमाम समस्याएं लेकर आते हैं।

– यह उत्तराखंड में एक मात्र ऐसा मंदिर है, जहां सामाजिक प्रताड़ना और मुसीबतें झेलने के बाद निराश लोग न्याय मिलने की उम्मीद में आते हैं।

कौन हैं पोखू देवता

उत्तराखंड की पहाड़ियों में बसने वाली कई जनजातियां जैसे कि सिंगतूर पट्टी के नैटवाड़, दड़गाण, कलाब, सुचियाण, पैंसर, पोखरी, पासा, खड़ियासीनी, लोदराला व कामड़ा समेत दर्जनभर गांव के लोग पोखू को अपना कुल देवता मानते हैं।

होती है पोखू देवता की अनूठी पूजा

– पोखू देवता मंदिर में पूजा-पाठ की विधि अनूठी है।

– मंदिर के पुजारी पोखू देवता की मूर्ति की तरफ मुख करने के बजाय पीठ घुमाकर पूजा करते हैं।

– सुबह-सायं दो बार पूजा होती है। पूजा से पहले पुजारी रुपीण नदी में स्नान करके सुराई-गढ़वे में पानी लाना होता है। इसके बाद आधे घंटे तक ढ़ोल के साथ मंदिर में पूजा होती है।

The post इस मंदिर में पीड़ितों को मिलता है तुरंत न्याय appeared first on Tez News.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 10573

Trending Articles