भोपाल- बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में दो वर्ष पूर्व हुई नियुक्तियों में फर्जीवाड़े की हाईकोर्ट के पूर्व जज एके गोइल ने जांच कर रिपोर्ट राजभवन को सौंप दी है। रिपोर्ट में बताया है कि कुछ नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा हुआ है और शेष उचित तरीके से हुई हैं।
हालांकि कार्यपरिषद पूर्व में 11 प्रोफेसरों की सेवाओं को निरस्त कर चुका है, उनका प्रकरण हाईकोर्ट में लंबित है। नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा की शिकायत पर राजभवन ने न्यायिक जांच करने हाईकोर्ट के पूर्व जज श्री गोइल को नियुक्त किया था। फर्जीवाड़े में अधिकारियों की मिलीभगत भी बताई गई है।
शासन ने रजिस्ट्रार एलएस सोलंकी को निलंबित कर दिया था। उन्हें बहाल कर छतरपुर विवि में पदस्थ किया गया है। साक्षात्कार होने के बाद सोलंकी ने रातोंरात उम्मीदवारों के नियुक्ति पत्र जारी किए थे। श्री गोइल ने कुलपति डॉ. मुरलीधर तिवारी के साथ रजिस्ट्रार सोलंकी सहित कई अधिकारी और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए थे। राजभवन रिपोर्ट पर बीस जून को होने वाली समन्वय समिति की बैठक के बाद उचित कार्रवाई करेगा।
रिसर्च की भी रिपोर्ट तैयार
बीयू ने गत वर्ष प्रोफेसरों की भर्ती की थी। इसमें करीब 11 प्रोफेसरों की भर्ती में फर्जीवाड़ा किया गया था। इस आरोप के साथ राजभवन ने कुलपति श्री तिवारी की जांच करने के लिए पूर्व जज श्री गोइल की जांच कमेटी नियुक्त की थी। इसका प्रस्तुतकर्ता डिप्टी रजिस्ट्रार शैलेंद्र जैन को बनाया गया है। जांच कमेटी को कुलपति तिवारी पर पीएचडी में गलत तरीके से गाइड नियुक्त किया है। इस संबंध में जांच अधिकारी ने बयान दर्ज कर रिपोर्ट तैयार कर दी है। इसको लेकर भी राजभवन उचित कार्रवाई करेगा।
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