Quantcast
Channel: Tez News
Viewing all articles
Browse latest Browse all 10573

हजरत तारशाहवली बाबा के उर्स मुबारक पर चादर पेश, मांगी देश की तरक्की लिए दुआ

$
0
0

खंडवा : प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी मुस्लिम समुदाय के महान सूफी संत हजरत ख्वाजा सैयद ग्यासुद्दीन चिश्ती र.अ. उर्फ तारशाह वली का 682 वा उर्स 29 मार्च गुरूवार से शरू हुआ।

उर्स मुबारक के अवसर पर दरगाह शरीफ पर चादर चढ़ाई गई व देश के अमनों अमान के लिए दुआ की गई। यह उर्स एक सफ्ताह चलेगा। उर्स के दौरान कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

खंडवा में हिन्दू-मुस्लिम एकता के रूप में पहचाने जाने वाले महान सूफी संत हजरत ख्वाजा सैयद ग्यासुद्दीन चिश्ती के उर्स के पहले दिन सुबह बाद- नमाजे फजर सन्दल शरीफ पेश किया गया व शाम में चादर चढ़ाकर देश की तरक्की और खुशहाली के लिए दुआ की गई।

कौमी एकता की मिसाल पेश करता यह उर्स हर साल बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दरगाह शरीफ पर सभी मजहब के लोग अकीदत के साथ हाजरी देते हैं। दरगाह के खादिम मुमताज अली चिश्ती ने बताया कि खंडवा शहर में हजरत तारशाहवली की यह बरसों पुरानी दरगाह है जहां हिन्दु-मुस्लिम सभी अपनी मुरादें मांगने दरगाह पर आते हैं और यहां से अपनी झोलियां भरकर जाते हैं। दरगाह के खादिम मुमताज अली चिस्ती के अनुसार उनका परिवार पिछले तीन सौ सालो से दरगाह की खितमत कर रहा है।

करीब एक सफ्ताह चलने वाले इस उर्स मुबारक के पहले दिन कुरआन ख्वानी व लंगर का इंतजाम किया गया है। जिसमें सभी धर्म के लोग मिलकर हिस्सा लेते हैं। लंगर को प्रसादी के तौर पर अपने साथ घर ले जाकर उसे परिवार में सभी को बांटा जाता है। दरगाह से जुडी मान्यताओं के अनुसार उर्स मुबारक के दौरान बाटे जाने वाले लंगर को खाने से कई बिमारियों का इलाज हो जाता है।

इस दरगाह में मुस्लिमों के अलावा हिन्दू समाज के लोग भी उर्स के मौके पर बढ़, चढ़कर भाग लेते है। इस्लामी धर्म के जानकारों के अनुसार सूफी संत हजरत ख्वाजा सैयद ग्यासुद्दीन चिश्ती, अजमेर वाले ख्वाजा गरीब नवाज के भांजे है। यह दरगाह संत रैदास वार्ड में स्थित है जहा प्रतिदिन लोग आस्था से अपनी मुरादे लेकर पहुँचते है।


Viewing all articles
Browse latest Browse all 10573

Trending Articles