Quantcast
Channel: Tez News
Viewing all articles
Browse latest Browse all 10573

प्रेम होने पर बने शारीरिक संबंध लिव-इन-रिलेशनशिप के दायरे में आएंगे

$
0
0

प्रेम होने पर बने शारीरिक संबंध लिव-इन-रिलेशनशिप के दायरे में आएंगे Tez News.

 


जबलपुर : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अपने एक आदेश में साफ किया कि आपस में मिलते-जुलते रहने पर प्रेम हो गया और इस आधार पर जब परस्पर सहमति से दो वयस्कों के बीच शारीरिक संबंध बने तो वे शादी के झांसे नहीं, बल्कि लिव-इन-रिलेशनशिप के दायरे में आएंगे। इसी आधार पर आवेदक की जमानत अर्जी मंजूर किए जाने योग्य है।

न्यायमूर्ति जेपी गुप्ता की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान आवेदक अनू उर्फ लवकेश की ओर से अधिवक्ता सुशील कुमार तिवारी ने पक्ष रखा।

उन्होंने दलील दी कि आवेदक को सेशन कोर्ट उमरिया ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोप में दोषसिद्ध होने पर 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।

वह जेल में है। जेल से बाहर आकर अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए उसे जमानत अपेक्षित है। जिस युवती ने उस पर दुष्कर्म का आरोप लगाया, वह उसके साथ इंगेज थी। दोनों लिव-इन-रिलेशनशिप जैसी स्थिति में थे।

इसलिए शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने जैसी बात कतई नहीं थी, बल्कि दोनों की परस्पर सहमति से ही यह सब हुआ। आगे चलकर अनबन होने पर युवती ने दुष्कर्म का आरोप मढ़ दिया।

जब सेशन ट्रायल चली तो प्रतिपरीक्षण में युवती की ओर से यह कथन भी किया गया था कि साथ रहते-रहते प्रेम हो गया था, इसीलिए वह युवक के झांसे में आकर शारीरिक संबंध बनाती रही। वैधानिक दृष्टि से यह कथन बेहद महत्वपूर्ण है। इसके आधार पर जमानत अपेक्षित है।

पानी भरने के विवाद का बदला दुष्कर्म का आरोप लगाकर लिया

न्यायमूर्ति जेपी गुप्ता की एकलपीठ के समक्ष अधिवक्ता सुशील कुमार तिवारी ने चंदिया निवासी माली जायसवाल को जमानत दिए जाने की मांग की।

आवेदक पर नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप लगा है। इस केस में उसे सेशन कोर्ट से 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा भी हो चुकी है। अधिवक्ता सुशील कुमार तिवारी ने अपनी दलील में साफ किया कि पीड़िता की मां का कथन था कि वह कंडे पाथने के लिए जा रही थी।

पीछे-पीछे उसकी दो नाबालिग बेटियां चल रही थीं। बीच में पीछे मुड़कर देखा तो एक बच्ची गायब थी। जब पीछे लौटकर देखा को आवेदक उसे पकड़े हुए था। इसी आधार पर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी गई।

तमाम रिपोर्ट में आवेदक या नाबालिग के शरीर में किसी तरह की खरोंच तक की जानकारी सामने नहीं आई।

इससे साफ है कि यह मामला दुष्कर्म का नहीं बल्कि पानी भरने के पुराने विवाद का बदला लेने की नीयत से है। खुद पीड़िता प्रतिपरीक्षण के दौरान यह बात स्वीकार कर चुकी थी कि उसे घरवालों ने जो बोलने कहा उसने पुलिस के सामने बोल दिया। कोर्ट ने बहस सुनने के बाद जमानत अर्जी मंजूर कर ली।

प्रेम होने पर बने शारीरिक संबंध लिव-इन-रिलेशनशिप के दायरे में आएंगे Tez News.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 10573

Latest Images

Trending Articles



Latest Images