मुंबई- महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार की गठबंधन पार्टी शिवसेना के मुखपत्र में बीजेपी की केंद्र सरकार पर निशाना साधा गया है। देश के विभिन्न राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार पर यह हमला किया गया है। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि राज्यपाल का पद राजनीतिक विचारों के कबाडख़ाने में पड़े लोगों की व्यवस्था के लिए उपयोग में लाया जाता है।
‘राजभवन का ब्रांड बदला’ शीर्षक के साथ छपे संपादकीय में पार्टी ने लिखा है, राज्यपाल नियुक्ति के बारे मे जो कुछ कांग्रेसी शासन मे घट रहा था, वही सब मोदी शासन मे भी घटित हो रहा है। सिर्फ ब्रांड बदल गया है। राज्यपाल का मतलब जनता के पैसे पर पाने वाला सफेद हाथी है।
संपादकीय में राज्यपालों की नई सूची के बाबत लिखा गया है, देशभर के मौजूदा राज्यपालों की सूची पर नजर घुमाएं तो यह बात आसानी से ध्यान में आ जाती है। अब तक इन पदों पर नियुक्त किए गए सारे लोग बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता हैं। राज्यपाल, नायब राज्यपाल पद के कारण सत्ताधारी पार्टी के करीब 40 लोगों के लिए गाड़ी-घोड़ा, बंगला और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था हो जाती है।
गौरतलब है कि अभी हाल ही में केंद्र की और से नियुक्त किए गए तीन राज्यों के राज्यपालों की सूची को लेकर शिवसेना ने यह निशाना साधा है। केंद्र ने वीपी सिंह बदनौर को पंजाब, नजमा हेपतुल्ला को मणिपुर और बनवारी लाल पुरोहित को असम का राज्यपाल नियुक्त किया है। जगदीश मुखी को अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह का उपराज्यपाल नियुक्त किया है।
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